किसी को आजकल अपने मतलब के अलावा चाहे तो दूर की बात बात करने भी नहीं आता तुझसे ही था में पहाड़ बन जाए जहां तक हमें तो छांव बन जाए तुझे वह बहाना बन जाए मेरे हमेशा कान बन जाए

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