सुनो प्रकृति की आकुल पुकार कहती है यह वृक्ष मत काटो छलनी हो रहा शरीर हमारा अब तो हमारा क्रांदन सुन लो धरा भी क्षण क्षण कह रही वृक्ष प्राणों का हैं आधार बंजर से इस सुने तन पर वृक्ष धरती का हैं श्रृंगार मत चलाओ शस्त्र वृक्ष पर मानो यह ईश्वर का अनुदान है इन पेड़ों से भूजल स्तर भी बडेग समस्त जीवन हेतु ये वरदान लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप - जून 24, 2023 और पढ़ें