हमें फूलों की तरह कितने देवासी साहब कभी किस्मत ऐसी टूट जाते हैं कभी दुख दुख देते हैं लोग तोड़ देते हैं अगर जोगीरा रहता है उसे अगर बुरा लगता है तो किसी को अच्छा नहीं लगता

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