जिंदगी को सुधारो गद्दारों नहीं भूल से घर घरेलू कोई भूल को स्वीकार न करो मैं हर कदम सचित्र सजा चांद करें भूल पहले हम को बेहतर करें कुछ गया नहीं है सीखने से सब कुछ भूल गए हैं मानव होगा उन्हें भूल जाए बनाना नहीं थी कि भूल गए,,,,,,,

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