,,,,,, है पुरानी मगर दरिया बदल गया मेरी तलाश का भी तो जरिय बदल गया,,, ना शकल ही बदली न ही बदला गया,,, हम जिस दिए के दम पे भाबत पे उतर आए सोहबत में अंधेर के बो दिया बदल गया,,

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